Classification of Computer
इस पोस्ट में हम Classification of Computer यानि कंप्यूटर का वर्गीकरण देखेगें, कंप्यूटर को कितने भागों मे बांटा गया हैं।
कंप्यूटर का वर्गीकरण तीन भागों में कार्य, आकार व उद्देश्य के आधार पर किया गया हैं , जो की निम्न हैं –
यहाँ हम पहले आरेख से समझते हैं –
Classification of Computer –
1. On the basis of size ( आकार के आधार पर ) –
आकार के आधार पर कंप्यूटर चार प्रकार के होते हैं इन्हें हम एक-2 करके आगे समझते हैं
1. Micro Computer –
ये कंप्यूटर आकार मे इतने छोटे होते हैं कि इन्हें डेस्क पर आसानी से रखा जा सकता हैं। इन्हें “Computer on a chip” कहा जाता हैं। आधुनिक युग में माइक्रो कंप्यूटर फ़ोन, बुक और घड़ी के आकार में उपस्थित हैं, इनका प्रयोग सामान्यत: व्यवसायिक और मेडिकल में क्षैत्र में अधिक किया जाता हैं। माइक्रो कंप्यूटर निम्न प्रकार के होते हैं –
- डेस्कटॉप कंप्यूटर –
यह एक छोटा माइक्रोप्रोसेसर बेस्ड कंप्यूटर हैं, इसे PC यानि पर्सनल कंप्यूटर के नाम से भी जाना जाता हैं।
ये सस्ते और अधिक चलने वाले होते हैं, इसलिए इनका प्रयोग अधिकतर व्यापारिक स्थानों और घरों में किया जाता हैं।
डेस्कटॉप पीसी
- लैपटॉप –
यह ऐसा माइक्रो कंप्यूटर है जिसे आसानी से कहीं भी ले कर जाया जा सकता हैं, इसलिए लैपटॉप को पोर्टेबल कंप्यूटर कहा जा जाता हैं।
पोर्टेबल लैपटॉप
- पामटॉप –
यह पाम यानि हथेली के आकार का होता हैं।
यह लैपटॉप से भी छोटा और हल्का होता हैं।
इसका प्रयोग छोटी सुचना को स्टोर करने के लिए किया जाता हैं, जैसे – फ़ोन नंबर, ईमेल एड्रेस इत्यादि ।
इन्हें PDA “पर्सनल डिजिटल असिस्टेंट” भी कहा जाता हैं।
पर्सनल डिजिटल असिस्टेंट
- टेबलेट –
ये दोनों टेबलेट और लैपटॉप पोर्टेबल कंप्यूटर हैं और यह एक तरह से सामान ही होते हैं , लेकिन इनके सॉफ्टवेयर और स्क्रीन में अंतर होता हैं। टेबल में बिना कीबोर्ड के भी टाइपिंग की जा सकती हैं।
टेबलेट पीसी
2. Mini Computer –
मध्यम आकार के इन कंप्यूटर की कार्य करने की क्षमता और कीमत दोनों ही माइक्रो कंप्यूटर की तुलना में अधिक होती हैं। इस कंप्यूटर पर एक समय में एक से अधिक यूजर कार्य कर सकते हैं। इन्हें “मिड रेन्ज कंप्यूटर” के नाम से भी जाता जाता हैं। पीडीपी-8 सबसे पहला मिनी कंप्यूटर हैं।
3. Mainframe Computer –
ये कंप्यूटर आकार, कार्य व कीमत में मिनी और माइक्रो कंप्यूटर से अधिक बड़े होते हैं। बड़ी कम्पनी, बैंक इत्यादि बड़ी जगहों पर एक सेंट्रल कंप्यूटर के रूप में इसका प्रयोग किया जाता हैं।
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4. Super Computer –
ये कंप्यूटर तेज गति और अधिक स्टोरेज कैपेसिटी वाले होते हैं, इनका आकार एक सामान्य कमरे के बराबर होता हैं। भारत का प्रथम सुपर कंप्यूटर जिसका नाम परम 8000 हैं। सुपर कंप्यूटर का प्रयोग मोसम की भविष्यवाणी करने के लिए किया जाता हैं।
सुपर कंप्यूटर का नाम | निर्माता कम्पनी का नाम |
ANUPAM | BARC |
PARAM 10000 | C-DAC, PUNE |
FLO SOLVER | NAL, BANGLORE |
EKA | TATA |
2. On the basis of work ( कार्य के आधार पर ) –
कार्य के आधार पर कंप्यूटर को तीन भागों में वर्गीकृत किया गया हैं, जो निम्न हैं –
1. Analog Computer – वे कंप्यूटर जो भौतिक मात्राओं जैसे -दाब, तापमान, लम्बाई, ऊंचाई आदि को माप कर उनके परिणाम अंको में तुलना के आधार पर व्यक्त करते हैं। जैसे – थर्मामीटर। एनालॉग कंप्यूटर विज्ञान और इंजिनियरिंग के क्षैत्र में प्रयोग किये जाते हैं, क्योंकि इन क्षैत्रों में मात्राओं का अधिक प्रयोग होता हैं। उदाहरण के तौर पर देखें तो एक पेट्रोल पम्प पर लगा एनालॉग कंप्यूटर, पम्प से निकले पेट्रोल की मात्रा को मापता हैं और लीटर मे दिखता हैं तथा उसके मूल्य की गणना करके स्क्रीन पर दिखाता हैं।
2. Digital Computer – ये इनपुट किये गये डेटा और प्रोग्राम को 0 और 1 में बदलकर इलेक्ट्रोनिक रूप में दिखाते हैं। जैसे – डेस्कटॉप, लैपटॉप आदि।
3. Hybrid Computer – ऐसे कंप्यूटर जिनमें एनालॉग व डिजिटल दोनों कंप्यूटर के गुण हों हाइब्रिड कंप्यूटर कहलाते हैं।
3. On the basis of purpose (उद्देश्य के आधार पर ) –
उद्देश्य के आधार पर कंप्यूटर को दो भागों मे बांटा जाता हैं –
1. General Purpose – सामान्य उद्देश्य के लिए तैयार किये गये कंप्यूटर में भी अनेक प्रकार के कार्य करने की क्षमता होती हैं। इन कंप्यूटर का प्रयोग जैसे – letter writing, डॉक्यूमेंट को तैयार व प्रिंट करने आदि कार्य में किया जाता हैं।
2. Special Purpose – इनका प्रयोग किसी विशेष कार्य को करने के लिए किया जाता हैं। जैसे – अन्तरिक्ष विज्ञान, मौसम विज्ञान,यातायात नियंत्रण,कृषि विज्ञान व चिकित्सा आदि में प्रयोग किया जाता हैं।
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